विपक्ष के विरोध के बीच मोदी सरकार ने राज्यसभा से भी आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, (The Criminal Procedure Bill) 2022 पेश पास करवा लिया। कांग्रेस की तरफ से इस बिल को असंवैधानिक बताया गया। दंड प्रक्रिया (शनाख्त) विधेयक, 2022 को सेलेक्ट कमेटी भेजे जाने संबंधी विपक्ष के प्रस्ताव पर राज्यसभा में मतदान हुआ।
लेकिन विपक्ष इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजने के मामले में कामयाब नहीं हो पाया। वहीं गृह मंत्री शाह ने कहा कि वर्तमान दौर में पुराना कानून पर्याप्त नहीं है। इसलिए विधि आयोग की तरफ से इसकी सिफारिश की गई थी। बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं आज इस विधेयक को लेकर आया हूं। जिसे 4 तारीख को लोकसभा ने पारित किया था
अमित शाह ने कहा कि दोषसिद्धि की दर बढ़ाना, फॉरेंसिक क्षमता बढ़ाना, थर्ड डिग्री खत्म कर वैज्ञानिक प्रमाण जुटाना, डाटा को निश्चित प्रक्रिया के तहत इस्तेमाल करना इस बिल का 4 उद्देश्य हैं। आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारा कानून अन्य देशों की तुलना में सख्ती के मामले में ‘बच्चा’ (कुछ नहीं) है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में अधिक कड़े कानून हैं,
यही वजह है कि उनकी सजा की दर बेहतर है। उन्होंने कहा कि क्या हम आगे नहीं बढ़ना चाहते? राजनीति के गुल्ली-डंडे के बीच देश का विचार नहीं करेंगे हम? जनता की सुरक्षा, गुनहगारों को सजा के सवाल पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम सुनिश्चित करेंगे कि राजनीतिक आंदोलन करने वालों को अपना माप न देना पड़े। मगर नेता अगर क्रिमिनल केस में गिरफ्तार होते हैं तो उन्हें अपना माप देना पड़ेगा
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि हम कानून का पालन करने वालों के मानवाधिकारों की चिंता करते हैं। जम्मू-कश्मीर में 370 हटाने के बाद आतंकी हिंसा में भारी कमी आई है। शाह ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य 100 साल पुराने कानून में तकनीकी प्रगति को शामिल करके जांच प्रक्रिया को मजबूत करना है। गृह मंत्री ने कहा कि मौजूदा कानून, जो ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था, आधुनिक समय में पर्याप्त नहीं है। प्रस्तावित कानून का उद्देश्य अपराधियों की सजा दर को बढ़ाना है